कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥ नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥ आप जलंधर असुर https://shiv-chalisa-lyrics-in-en47845.dsiblogger.com/62602114/not-known-factual-statements-about-shiv-chalisa-lyrics-english